अंदाज़-ए-क़त्ल तोह देखो उस ज़ालिम का....
शादी ही करली...!!
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एक दिन ख़ुदा ने मुझसे कहा:
“मत कर इंतज़ार, उसका मिलना मुश्किल है..”
मैंने भी कहे दिया “लेने दे मज़ा इंतज़ार का, अगले जनम में तोह मुमकिन है...”
फिर ख़ुदा ने कहा:
“मत कर इतना प्यार, बहुत पछ्ताएगा..”
मुस्करा के मैंने कहा: “देखतें हैं, तू कितना मुझे तड़पायेगा...:)”
फिर ख़ुदा ने कहा:
“भूल जा उसे, चल तुझे जन्नत की अप्सरा से मिलाता हूँ...”
मैंने कहा: “आ…
नीचे देख मेरे प्यार का चहरा, तुझे जन्नत की अप्सरा भुलवाता हूँ...”
गुस्से में ख़ुदा ने कहा:
“मत भूल अपनी औकात, तू एक मामूली इंसान है;”
हस कर मैंने कहा: “तोह मिला दे मेरे प्यार से और साबित कर, की तू ही भगवान् है...”
..... फिर ख़ुदा ने गुस्से में,
उस से शादी करवा दी...
और.
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सारा भूत उतर गया...!!
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